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चतुर्थ आयाम
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fourth dimension
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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आयाम
Meanings: 19; in Dictionaries: 8
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চতুর্থ আয়াম
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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चवथो आवाठ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ଚତୁର୍ଥ ଆୟାମ
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ਚੋਥਾ ਵਿਸਥਾਰ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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श्री सत्यनारायण भगवान की कथा - चतुर्थ अध्याय
सत्यनारायण व्रतके प्रभावसे मनुष्योंकी आत्मा शुद्ध होती है ।
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ - चतुर्थ प्रकरण
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
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श्रीगुरुबोध ग्रंथ - चतुर्थ प्रकरण
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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चतुर्थ: पर्याय:
हे स्तोत्र पठन केल्याने विद्या प्राप्त होते, म्हणून विद्यार्थ्यांकडून हे स्तोत्र पठन करून घ्यावे.
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मानपंचक - मान चतुर्थ
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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चतुर्थ पटल - श्रीचक्र
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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अन्वयव्यतिरेक - चतुर्थ: समास:
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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चतुर्थ पटल - सूक्ष्मचक्र
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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चतुर्थ काण्डः - ३६ ते ४०
पैप्पलादसंहिता
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पतज्जलिचरितम् । चतुर्थ: सर्ग: ।
श्रीरामभद्रदीक्षितप्रणीतं पतज्जलिचरितम् । भारतीय साहित्यात पतंजलिने लिहिलेले ३ मुख्य ग्रन्थ मिळतात - योगसूत्र, अष्टाध्यायी वर भाष्य आणि आयुर्वेदावर ग्रन्थ.
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रघुवंश - चतुर्थ: सर्ग:
महाकवी कालिदासाने ’रघुवंश’ या महाकाव्यातील एकोणीस भागात राजा दिलीप, त्याचा पुत्र रघु, रघुचा पुत्र अज, अजचा पुत्र दशरथ, दशरथाचा पुत्र राम आणि त्याचे पुत्र लव आणि कुश यांचे चरित्र वर्णन केले आहे.
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दीपप्रकाश - चतुर्थ किरण
Shri Madhavnath Maharaj (1857–1936) was a Hindu saint, of Karvi, Chitrakoot, Madhya Pradesh, who continued the Nath Sampradaya of the famous Navnaths in India.
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श्रीमच्छङ्करदिग्विजय: - चतुर्थ: सर्ग:
श्रीविद्यारण्यविरचित: श्रीमच्छडरदिग्विजय: ॥
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ध्वन्यालोकः - चतुर्थ उद्योतः
ध्वन्यालोकः हा ग्रंथ श्रीराजानकानन्दवर्धनाचार्य: यांनी रचिलेला आहे.
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हर्षचरितम् - चतुर्थ उच्छ्वासः
हर्षचरित संस्कृत में बाणबट्ट द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें भारतीय सम्राट हर्ष का जीवनचरित वर्णित है।
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मन्त्रमहोदधि - चतुर्थ तरङ्ग
`मन्त्रमहोदधि' इस ग्रंथमें अनेक मंत्रोंका समावेश है, जो आद्य माना जाता है।
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dimension
Meanings: 39; in Dictionaries: 18
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george iv
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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quaternary
Meanings: 18; in Dictionaries: 9
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चतुर्थ पटल - विपरीतकरणीमुद्राकथनम्
महायोगी आदिनाथ श्रीमहादेव विरचित " शिवसंहिता " हा ग्रंथ देवी पार्वतीने विचारलेले प्रश्न व त्या प्रश्नांना श्रीशिवांनी दिलेली उत्तरे या प्रश्नोत्तरांच्या रूपाने अवतरित झाला आहे.
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय ७
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Puranas.
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय २
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय ११
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Puranas.
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चिद्बोधरामायण - चतुर्थ सर्ग
बालकांड निरंजन माधवांच्या कवितेतील काव्यस्फूर्ति उच्च दर्जाची असून, भाषेत रसाळपणा व प्रसाद सोज्वळता आहे.
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रामाज्ञा प्रश्न - चतुर्थ सर्ग
गोस्वामी तुलसीदासजीने श्री. गंगाराम ज्योतिषीके लिये रामाज्ञा-प्रश्नकी रचना की थी, जो आजभी उपयोगी है ।
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चतुर्थ स्कंध - अध्याय पहिला
श्री मत्स्वच्छंदानंदानी रचिलेल्या प्रसिद्ध देवी भागवतसाराचा मराठी अवतार म्हणजे प्रस्तुत ‘ श्री देवी विजय ‘ ग्रंथ होय.
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय ५
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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चतुर्थ सर्ग - श्लोक ६१ ते ८०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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रामज्ञा प्रश्न - चतुर्थ सर्ग - सप्तक १
गोस्वामी तुलसीदासजीने श्री. गंगाराम ज्योतिषीके लिये रामाज्ञा-प्रश्नकी रचना की थी, जो आजभी उपयोगी है ।
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श्री देवी विजय - चतुर्थ स्कंध
श्री मत्स्वच्छंदानंदानी रचिलेल्या प्रसिद्ध देवी भागवतसाराचा मराठी अवतार म्हणजे प्रस्तुत ‘ श्री देवी विजय ‘ ग्रंथ होय.
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय ३
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय २
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Puranas.
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चतुर्थ पटल - योनिमुद्राकथनम्
महायोगी आदिनाथ श्रीमहादेव विरचित " शिवसंहिता " हा ग्रंथ देवी पार्वतीने विचारलेले प्रश्न व त्या प्रश्नांना श्रीशिवांनी दिलेली उत्तरे या प्रश्नोत्तरांच्या रूपाने अवतरित झाला आहे.
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय १०
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Puranas.
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चतुर्थ पटल - जालन्धरबन्धकथनम्
महायोगी आदिनाथ श्रीमहादेव विरचित " शिवसंहिता " हा ग्रंथ देवी पार्वतीने विचारलेले प्रश्न व त्या प्रश्नांना श्रीशिवांनी दिलेली उत्तरे या प्रश्नोत्तरांच्या रूपाने अवतरित झाला आहे.
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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चतुर्थ पटल - शक्तिचालनमुद्राकथनम्
महायोगी आदिनाथ श्रीमहादेव विरचित " शिवसंहिता " हा ग्रंथ देवी पार्वतीने विचारलेले प्रश्न व त्या प्रश्नांना श्रीशिवांनी दिलेली उत्तरे या प्रश्नोत्तरांच्या रूपाने अवतरित झाला आहे.
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय ७
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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चतुर्थ स्कंध - अध्याय दुसरा
श्री मत्स्वच्छंदानंदानी रचिलेल्या प्रसिद्ध देवी भागवतसाराचा मराठी अवतार म्हणजे प्रस्तुत ‘ श्री देवी विजय ‘ ग्रंथ होय.
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चतुर्थ पटल - रामचक्र
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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चतुर्थ सर्ग - श्लोक २१ ते ४०
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय ८
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Puranas.
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चतुर्थ पटल - महामुद्राकथनम्
महायोगी आदिनाथ श्रीमहादेव विरचित " शिवसंहिता " हा ग्रंथ देवी पार्वतीने विचारलेले प्रश्न व त्या प्रश्नांना श्रीशिवांनी दिलेली उत्तरे या प्रश्नोत्तरांच्या रूपाने अवतरित झाला आहे.
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